
आजमगढ़ में एक होटल में प्रेस वार्ता में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि पिछले दिनों जनपद के बांस गांव में दलित प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या हुई थी और मारने के बाद बदमाश लाश के पड़े होने की बात कह कर गए जिससे बदमाशों के हौसले कितने बुलन्द हैं समझा जा सकता है। इसके बाद परिवार के सदस्यों व बाल बच्चों के लालन पालन कैसे होगा यह भी नहीं समझा गया। उल्टे भीम आर्मी के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। आवाज़ दबाने की कोशिश की गई। परिवार की समस्या को लेकर ही प्रशासन से मिलना चाहते थे लेकिन उनको रोकने की कोशिश की गई। इस घटना के एक महीने में भी 39 दलितों के खिलाफ अत्याचार हुए। ये केवल दलितों की बात है और भी समाज है उनके साथ भी यही है। केवल माफियाओं व अपराधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिकारी निरंकुश हैं। जब उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही है तो आम लोगों की कितनी सुनी जाती होगी समझा जा सकता है। किसानों पर चंद्रशेखर ने कहा कि उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है बल्कि अपशब्द कहा जा रहा है। किसानों के बेटे ही फ़ौजी बन कर देश की सुरक्षा कर रहे हैं कितने बीजेपी के नेताओं या किसी भी MLA ya MP के बेटे फ़ौज में हैं यह कोई बताएगा। बलात्कार की घटना लगातार बढ़ रही है। हाथरस के मामले में आरोपियों के बचाने को और डीएम एसपी की भूमिका को लोगों ने देखा। जो भी आवाज़ उठा रहा है उसको किसी न किसी तरह से दबा दिया जा रहा है। कोरोना पर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने कोरॉना है जबकि हैदराबाद, बंगाल में भीड़ जुटाने पर नहीं। आगामी चुनाव में भीम आर्मी पूरे जोर से चुनाव लड़ेगी और जो संगठन पार्टी के लिए जूझने, मुकदमा झेलने, लाठी खाने का काम किए उन्हें खड़ा किया जाएगा। गठबन्धन पर कार्यकर्ता जिसे चाहेंगे उनके साथ होंगे।